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यथार्थ की इस पोस्ट पर :-
राज भाटिय़ा ने कहा…
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गरीबी कोई इलजाम नही बल्कि कुछ लालची लोगो की देन हे, जो इन गरीबो का हक मार कर खुद को अमीर कहते हे...
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- चला बिहारी ब्लॉगर बननेJan 5, 2012 07:22 AM
ये ऐसा क़र्ज़ है जिसको अदा कर ही नहीं सकता,
मैं जब तक घर न लौटूँ माँ मेरी सजदे में रहती है!!
देव बाबा, अपने जश्न में हम भूल जाते हैं कि कोई हमारा इंतज़ार भी कर रहा है!! - सतीश सक्सेनाJan 5, 2012 07:57 AM
कई बार रातों में उठकर
दूध गरम कर लाती होगी
मुझे खिलाने की चिंता में
खुद भूखी रह जाती होगी
मेरी तकलीफों में अम्मा, सारी रात जागती होगी !
बरसों मन्नत मांग गरीबों को, भोजन करवाती होंगी !
सबसे सुंदर चेहरे वाली,
घर में रौनक लाती होगी
अन्नपूर्णा अपने घर की !
सबको भोग लगाती होंगी
दूध मलीदा खिला के मुझको,स्वयं तृप्त हो जाती होंगी !
गोरे चेहरे वाली अम्मा ! रोज न्योछावर होती होंगी !सतीश सक्सेना जी की पोस्ट पर :-
आज बस धरा है टिप्पा.. लारा लप्पा!!!!
जवाब देंहटाएंपिक्चर बनाने का ठेका अनूप शुक्ल जी को और उस पर इनाम भी दिया जाएगा, बोलिए ठेका कौन लेगा।
जवाब देंहटाएंबढिया काम।
जवाब देंहटाएंपहली बार आये आपके ब्लॉग पर और सच कहें बहुहुहुत मज़ा आया !
जवाब देंहटाएंयह ब्लॉग एक मौलिक प्रयास है। विश्वास है कि मर्यादित टिप्पणी को बढ़ावा मिलेगा।
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